Mohit-Trendster

"डगमगाहट के लिए खेद है!" (कहानी) #mohitness

Jun 29th, 2016
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  1. Wednesday, June 29, 2016
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  3. "डगमगाहट के लिए खेद है!" (कहानी) #mohit_trendster
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  5. वैसे तो जय अकेले काम करने में विश्वास करता था पर चाय की गुमटी से पर उसे एक नया बंदा मिला था साथ काम करने के लिए। शैंकी नामक उस किशोर में जय को अपना 5-7 साल पहले वाला रूप दिखता था जब उसने चोरी-चकारी शुरू की थी। इन वर्षो में अपनी लगन और जीतोड़-शरीर फोड़ मेहनत के चलते उसने काफी जल्दी ठगी के कई पैंतरे सीख लिए थे। अब वो कुछ बड़ा करना चाहता था ताकि जीवन में लंबे समय के लिए आर्थिक स्थिरता आ जाए। शैंकी के रूप में उसे एक लगनशील, गुणवान छात्र मिला था जो उसकी ही तत्परता से सब कुछ सीख रहा था। कुछ महीनों के लिटमस प्रयोगों के बाद आखिरकार बड़े जोखिम की घड़ी आयी। कस्बे के सबसे धनी सुनार-लाला रूपचंद के घर डकैती डालने का जय का बचपन का सपना आज पूरा होने जा रहा था। करोड़ों की बाज़ी थी और शैंकी के साथ जय ने हफ्तों इसकी ड्रिल की थी। संयुक्त परिवार वाले लाला रूपचंद के घर में आज एक गार्ड के अलावा 2 ही लोग थे, लाला और उनकी लाली।
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  7. अंधेरे का फायदा उठाकर शैंकी ने गार्ड को क्लोरोफॉर्म सुंघा कर बेहोश किया और कुछ ही सेकंड के अंदर सोते लाली-लाली को भी डिफ्यूज कर दिया। जय हक्का-बक्का रह गया।
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  9. जय - "तुझे तो लगता है ज़्यादा सीखा दिया यार...आज मुझे आना ही नहीं चाहिए था। अकेला तू ही बहुत था!"
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  11. शैंकी - "अरे नहीं भईया! आपसे ही सब सीखा है। आपको इम्प्रेस करने के लिए सब जल्दी निपटा दिया।"
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  13. फिर शैंकी और जय घर से पैसे और गहने बटोरने लगे। जय को बड़ा अजीब लग रहा था, सब इतनी आसानी से हो रहा है, कोई अड़चन-हड़बड़ी नहीं। तब उसका ध्यान लाला-लाली पर गया जो सांस नहीं ले रहे थे। उसकी हल्की चीख निकली - "अरे मर गए क्या ये दोनों?" शैंकी ने दोनों की नब्ज़ देखी, दोनों मर चुके थे। जय ने गार्ड को देखा तो उसकी आँखें भी उलट गई थीं। जय गुस्से में बोला - "पागल! इतनी जल्दी क्या थी कि मार ही दिया इन्हे? इतनी बार प्रैक्टिस कराई थी तुझे! डकैती में तो एक बार बच भी जाएं पर ट्रिपल मर्डर में तो पूरे जिले की पुलिस पीछे पड़ जाएगी। साले! डोज़ चेक नहीं की थी क्या रूमालों में लगाते समय?" जय सिर पकड़ कर बैठ गया।
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  15. सहमा हुआ शैंकी बोला - "लगता है बस एक ही रुमाल में सही डोज़ थी।"
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  17. जय - "अब क्या फायदा उल्लू के पट्ठे...तीनो मर गए"
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  19. शैंकी ने झटके से जय को रुमाल सुंघाया।
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  21. शैंकी - "फायदा है भैया! उन 3 रूमालों में मौत वाली डोज़ थी और आपके वाले चौथे रुमाल में सिर्फ बेहोशी वाली डोज़ है।"
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  23. जय की बोझिल होती आँखों के सामने शैंकी उसके पैर छूकर सारा माल लेके चंपत हो गया। कुछ देर बाद लाला के परिवार के कुछ सदस्य घर पर आए और उन्होंने पुलिस के आने तक गुस्से में जय को मार-मार कर, मार-मार कर...मार ही डाला।
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  25. समाप्त!
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  27. मोहित शर्मा ज़हन
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  29. Artwork - Jorgina Sweeney (Jorgi girl)
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  31. #mohitness #freelancetalents #freelance_talents #mohit_trendster #trendybaba
  32. Posted by Mohit Sharma at 4:30 PM
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  39. Labels: Concept, Drama, Fiction, Freelance Talents, Mohit (Trendster), Mohitness, Story, Suspense, Thrill, ट्रेंडी बाबा
  40. Location: Lucknow, Uttar Pradesh 226002, India
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