Advertisement
mgarg

Lesson from Mahabharat

Nov 18th, 2019
98
0
Never
Not a member of Pastebin yet? Sign Up, it unlocks many cool features!
text 2.46 KB | None | 0 0
  1. महाभारत के 18 दिन के युद्ध ने द्रौपदी को मानसिक और शारीरिक रूप से 80 वर्ष जैसा बना दिया था. चारों तरफ विधवा और अनाथ बच्चे नज़र आते थे .अचानक कृष्ण द्रौपदी के कक्ष में प्रवेश किए. द्रौपदी उनसे लिपट कर रोती रही.'यह क्या हो गया सखा?' कृष्ण बोले 'तुम्हें तो खुश होना चाहिए. तुम्हारा प्रतिशोध पूरा हुआ. सारे कौरव मारे गए' द्रौपदी 'तो क्या इस युद्ध के लिए मैं ही जिम्मेवार हूँ?'
  2. कृष्ण 'कौरवों ने शुरू से द्वेष के वशीभूत होकर अन्याय किए मगर हमारे शब्द ही हमारा परिणाम निर्धारित करते हैं. यदि तुमने अपने स्वयंवर में कर्ण का तिरस्कार नहीं किया होता, कुंती के 5 पतियों के पत्नी बनने का अनजाने में दिया आदेश मानने से इंकार किया होता, अपने महल में दुर्योधन को अपमानित नहीं किया होता तो ये विनाश टल सकता था. नियति बहुत क्रूर होती है. हमारे कर्मों को परिणामों में बदल देती हैं. हमारे शब्द हमारे कर्म बन जाते हैँ. जो भावना में अधूरा है वो शब्द में पूरा है.
  3. इसलिए शब्दों पर नियंत्रण रखें. मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जिसका जहर उसके दाँतों में नहीं, उसके शब्दों में होता हैँ इन्ही विचारों के साथ सुप्रभात! 🙏
Advertisement
Add Comment
Please, Sign In to add comment
Advertisement