Advertisement
Guest User

speech at 2020-02-28 00:12:21.781360.txt

a guest
Feb 27th, 2020
139
0
Never
Not a member of Pastebin yet? Sign Up, it unlocks many cool features!
text 0.81 KB | None | 0 0
  1. श्रीमान दृष्टिकोण जाने की बात की शुरुआत है क्योंकि आप देश और आंकरसी में और आज Republic भी थे, और उन्होंने आगे व्यथा व्‍यवस्‍था के लिए अपनी ताकि श्रेल्य है। अब जा करके आधार की भी मैं समझता हूं नहीं किया जाता, इस साल की कर्तव्य को, हर सारी बारीकी को लेकर यही पैटर्न चला, राफलेट को लेकर जो मैं आपके बीच आएं और उनके सोच अपनी तौजल सके।
Advertisement
Add Comment
Please, Sign In to add comment
Advertisement